नई दिल्ली -जालोर-सिरोही सांसद देवजी एम. पटेल ने मंगलवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह से भेंट की तथा संसदीय क्षेत्र जालोर-सिरोही सहित राजस्थान में नरेगा योजनान्तर्गत श्रमिकों के भुगतान में हो रही अनावश्यक देरी की जानकारी दी।
*राजस्थान में मार्च, 2021 से श्रमिकों के भुगतान में नई नीति लागू* – सांसद पटेल ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री को जानकारी देते हुए बताया कि संसदीय क्षेत्र के स्थानीय ग्रामीण मजदूरों के माध्यम से ज्ञात हुआ कि राजस्थान में नरेगा योजनान्तर्गत कार्य करने वाले श्रमिकों के भुगतान में मार्च, 2021 से नई नीति लागू की गई हैं, जिसके तहत श्रमिकों को तीन श्रेणी के एफटीओ में बांटकर उनका भुगतान किया जाता हैं। जिससे श्रमिकों के भुगतान में अनावश्यक रूप से देरी होती हैं तथा मजदूरों को भुगतान के लिये ग्राम पंचायत से लेकर पंचायत समिति तथा जिला परिषद कार्यालय एवं अधिकारियों व कर्मचारियों के पिछे चक्कर काटने पड़ते हैं।
*श्रमिकों को 15 दिवस में भुगतान करने का है प्रावधान* – सांसद पटेल ने बताया कि मजदूरी भुगतान अधिनियम, 1936 के प्रावधानो के अनुसार कार्य समाप्त होने के 15 दिन के अंदर किया जाना चाहिए। यदि 15 दिन के बाद किया जाता है तो मजदूरी भुगतान अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार गणना की गई क्षतिपूर्ति की भुगतान भी मजदूरी के साथ-साथ करना होगा।
*अनुसूचित जनजाति के श्रमिकों के भुगतान में दो महिनों की देरी* – सांसद पटेल ने बताया कि जालोर जिले के आहोर ब्लॉक के पावटा ग्राम पंचायत में मास्टर रोल संख्या-7617 में नाडी खुदाई के कार्य का एफटीओ 14.08.2021 को बन गया जबकि अनुसूचित जनजाति के श्रमिकों का भुगतान लगभग दो महिने देर से दिनांक 28.10.2021 को किया गया। इसी प्रकार डोडीयाली पंचायत में मास्टर रोल संख्या -11532 मे 04.09.2021 से 18.09.2021 तक के सप्ताह के कार्य का एफटीओ दिनांक 28.09.2021 को बन गया। जिसमें अनुसूचित जनजाति के श्रमिकों का भुगतान एक महीना देर से किया गया। संसदीय क्षेत्र के जालोर एवं सिरोही जिले में एसटी श्रमिको का भुगतान लगभग 2-3 माह की देरी से हो रहा है। इसी प्रकार समान्य वर्ग और ओबीसी वर्ग के मनरेगा श्रमिकों का भी भुगतान समय पर नही हो रहा है। योजना की रिपार्ट अनुसार जालोर-सिरोही जिले में श्रमिकों का भुगतान लगभग 60 से 90 दिनों के देरी से दिया गया है। जालोर में 11495 तथा सिरोही में 22 मजदूरों को 30 से 60 दिनों की देरी से भुगतान किया गया है। आज दिन तक एक भी श्रमिको को श्रतिपूर्ति का भुगतान नही हुआ है और नही इस संबंध में किसी अधिकारी पर कोई ठोस कार्यवाही की गई है।
*श्रमिकों को जाति, धर्म, वर्ग में न बांटे* – सांसद पटेल ने बताया कि मजदूर सिर्फ मेहनतकस वर्ग है, ये मेहनत कर खून-पसिना बहाकर अपना और अपने परिवार का पालन-पोषण करता है, इसलिए मजदूरी भूगतान करते वक्त इसे किसी जाति, धर्म व वर्ग में न बांटा जाएं। किसी कार्य का एफटीओ बनते ही सभी मजदूरों को मजदूरी एक साथ समय पर भुगतान कर दिया जाए।
पूर्व कि भांति एक ही एफटीओ से श्रमिकों का समय पर हो भुगतान* – सांसद पटेल ने ग्रामीण विकास मंत्री से आग्रह कर ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों की परिस्थिति को मध्यनजर रखते हुए मनरेगा योजना में पूर्व कि भांति एक ही एफटीओ से समय पर श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान करवाने की मांग रखी।