जयपुर : तीन फरवरी से स्कूल से लापता हुई दोनों नाबालिग लड़की आखिरकार पुलिस को मिल गई। दोनों लड़की लखनऊ में घरेलू सामान बेच रही थी। लखनऊ पुलिस और जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने लखनऊ में सैकड़ों पोस्टर और ग्रुप में दोनों बच्चियों के फोटो रिलीज किये थे। जिसके बाद पुलिस को एक लीड मिली जिसके बाद बच्चियों तक पुलिस पहुंची।
मामले की गम्भीरता को देखते हुए डीसीपी साउथ मृदुल कछावा भी दो दिन से लखनऊ में कैंप किये हुए थे। कल रात को पुलिस को जानकारी मिली थी की बच्चियां लखनऊ में रहकर डोर डू डोर मार्केटिंग कर रही है। इस पर पुलिस मौके पर गई और बच्चियों को समझा बुझा कर अपने साथ लेकर आई। बच्चियां मिलने की जानकारी सबसे पहले डीसीपी साउथ मृदुल कछावा ने पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव को दी, जिसके बाद कमिश्नरेट में खुशी का माहौल है। 55 दिन बाद पुलिस को बच्चियां मिली जिसकी जानकारी एडिशनल कमिश्नर अजय पाल लांभा ने अपने फेसबुक पर भी अपडेट किया। बच्चियों को देख कर माता-पिता और दादा को भी बहुत खुशी हुए वे भी बच्चियों के साथ जयपुर लौटने की तैयारी कर रहे हैं।
लखनऊ पहुंचने पर दोनों लड़कियों ने कई लोगों से मदद मांगी थी। एक ऑटो चालाक को कहा था कि वह बच्चों की पढ़ाई करा सकती है। अगर किसी बच्चे को ट्यूशन की जरूरत है तो वह दे सकती है। कुछ दिन पीजी में बिताने के बाद लड़कियों को डोर टू डोर सामान बेचने का काम मिल गया। सामान बिकने पर कुछ पैसा मिलने से वह अपना खाना पीना और रहना कर रही थी। दोनों बच्चियों ने स्वयं घर से निकलने की बात पुलिस को अब तक बताई है।