इराक के ताकतवर धार्मिक नेता मौलान मुक्तदा अल-सद्र की अपील के बाद बगदाद के ग्रीन जोन से प्रतिद्वंद्वी शिया गुटों के प्रदर्शनकारी लौटने लगे हैं. शियाओं और सेना के बीच हुई झड़पों में 23 लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोग घायल हो गये. सोमवार को बगदाद में हिंसा तब भड़क उठी जब सद्र के वफादार ईरान समर्थित शिया गुटों के सामने आ गये और बैरिकेडों के बीच दोनों तरफ से फायरिंग शुरू हो गयी. संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि जंग से तबाह देश और बड़े संकट में घिर सकता है. मंगलवार को टीवी पर मुक्तदा अल-सद्र का भाषण प्रसारित होने के कुछ ही मिनटों बाद उनके समर्थक ग्रीन जोन से बाहर जाने लगे और उसके कुछ ही देर बाद सेना ने देश भर में घोषित कर्फ्यू हटा लिया
मुक्तदा सद्र का भाषण
मुक्तदा सद्र के लाखों की संख्या में समर्पित समर्थक हैं. 2003 में सद्दाम हुसैन को सत्ता से हटाये जाने के बाद अमेरिका और इराक की सरकारी सेना के खिलाफ सद्र ने एक मिलिशिया का नेतृत्व भी किया है. सद्र ने अपने समर्थकों को “60 मिनट” के भीतर वहां से निकलने को कहा था. उन्होंने इस समय सीमा के बाद वहां रुकने वालों को चेतावनी भी दी थी. मध्य इराक के नजफ में अपने ठिकाने से उन्होंने भाषण में कहा, “मैं इराकी लोगों से माफी मांगता हूं, इन घटनाओं से सिर्फ वही प्रभावित हुए हैं.”
इराक में राजनीतिक संकट के बीच तनाव बढ़ गया है. देश में महीनों से ना तो कोई सरकार है, ना प्रधानमंत्री ना राष्ट्रपति. सोमवार को सद्र ने एलान किया था कि वह राजनीति छोड़ रहे हैं. इसके बाद भारी हंगामा शुरू हो गया और दोपहर में सद्र के समर्थक उच्च सुरक्षा वाले ग्रीन जोन में घुस गये जहां सरकार के दफ्तर और राजनयिक मिशन हैं. समर्थक उनके अचानक राजनीति से रिटायर होने की बात सुन कर बौखला गये थे. सबसे पहले वो रिपब्लिकन पैलेस में घुस गये जहां कैबिनेट की बैठकें होती हैं.