राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में शामिल होने के साथ ही सियासी हलचल बढ़ गई है। वहीं अब विधायक भी सीएम अशोक गहलोत और पायलट के पक्ष में खुलकर बातें रख रहे हैं। सचिन पायलट के राजस्थान के अगले सीएम बनने की चर्चा जोरो पर है लेकिन गहलोत के रहते सीएम पद पर सचिन पायलट का काबिज होना इतना आसान नहीं है।
अगर सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनते हैं तो अशोक गहलोत इतिहास दोहराकर एक तीर से दो निशाने साध सकते हैं। पहला, अपनी जादूगरी से गहलोत 2008 की तरह ही दो उपमुख्यमंत्री बनाकर पायलट का खेल बिगाड़ सकते हैं। दूसरा, वो दो डिप्टी सीएम के जरिए एससी-एसटी वोट पर निशाना साध सकते हैं।
अपने वफादार को बनाएंगे गहलोत डिप्टी सीएम
अगर अशोक गहलोत को अपना सीएम पद छोड़ना पड़ा तो वे पायलट की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए दो उपमुख्यमंत्री बनाने का दांव खेल सकते हैं। 25 जनवरी 2003 को भी सीएम गहलोत ने ऐसा ही दांव खेला था। उन्होंने कमला बेनीवाल और बनवारी लाल बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाया था। ऐसे में गहलोत अपने दो वफादार मंत्रियों को उप मुख्यमंत्री बनाने का दांव खेलेंगे। इससे सचिन पायलट को भले ही मुख्यमंत्री पद मिल जाएगा पर नुकसान गहलोत का भी नहीं होगा। चर्चा है कि अगर गहलोत की ये दांव चलती है तो सचिन पायलट के पासे उलटे पड़ जाएंगे।