जयपुर । आइकोनिक जयपुरजब लिटरेचर फेस्टिवल के 16वें संस्करण का आयोजन 19 से 23 जनवरी 2023 को होटल क्लार्क्स आमेर, जयपुर में होगा| इस साल फेस्टिवल दुनिया की श्रेष्ठ प्रतिभाओं की मेजबानी करेगा, जिनमें शामिल हैं: नोबेल प्राइज से सम्मानित अब्दुलरज़ाक गुरनाह; इंटरनेशनल बुकर प्राइज विजेता गीतांजलि श्री; लेखिका और अनुवादक डेजी रॉकवेल; लोकप्रिय लेखिका दीप्ति कपूर; बुकर विजेता बेर्नार्दीन एवारिस्तो; प्रसिद्ध लेखक सिद्धार्थव मुखर्जी; बुकर विजेता श्रीलंकाई लेखक शेहान करुनातिलक; सबके चहेते गीतकार और लेखक गुलज़ार; फिल्ममेकर और प्रोड्यूसर ओनीर; जेसीबी प्राइज 2022 के विजेता खालिद जावेद व बारां फारूकी; और पद्म विभूषण से सम्मानित शास्त्रीय संगीतकार हरिप्रसाद चौरसिया|
साहित्य के इस महाकुम्भ में भाषाओँ के भी खूब रंग देखने को मिलेंगे, जिनमें 21 भारतीय और 14 अंतर्राष्ट्रीय भाषाएँ शामिल होंगी| वक्ताओं की सूची में बड़ी संख्या में राजस्थानी वक्ता भी शामिल हैं, जिनमें प्रमुख हैं: सीपी देवल, नंद भरद्वाज, रीमा हूजा, मालचंद तिवारी, संदीप पुरोहित, तृप्ति पांडे, देवराज सिंह, अम्बिका दत्त, लक्ष्यराज सिंह मेवाड़, अंशु हर्ष, इरा टाक, अनुकृति उपाध्याय, राजकुमारी दिया कुमारी और सीपी जोशी|
क्लार्क्स होटल, आमेर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, मीडिया को संबोधित करते हुए, टीमवर्क आर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर और जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के प्रोड्यूसर संजॉय के. रॉय ने कहा, “जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल हमारे समय के विभिन्न मुद्दों को उठाने वाले तार्किक संवादों और ज्ञान का प्रचार-प्रसार करता है| 2023 में फेस्टिवल का फोकस जलवायु परिवर्तन, जिओपॉलिटिक्स, रूस-यूक्रेन विवाद, भारत-चीन सम्बन्धों, कृषि और ऊर्जा पर रहेगा| फेस्टिवल अपने 16वें संस्करण में दुनिया के श्रेष्ठ लेखकों की मेजबानी करेगा, जिनमें शामिल हैं नोबेल प्राइज विजेता अब्दुलरज़ाक गुरनाह; इंटरनेशनल बुकर प्राइज से सम्मानित गीतांजलि श्री; बुकर प्राइज विजेता शेहान करुनातिलक, मार्लोन जेम्स, बेर्नार्दीन एवारिस्तो, होवार्ड जैकबसन, बुकर प्राइज फाइनलिस्ट
नौवायलेट बुलावायो व वीमेन’स प्राइज विजेता रुथ ओज़ेकी| नए साल में प्रवेश करते हुए, हम आपके लिए श्रेष्ठ लेखकों को लेकर आयेंगे, और शब्दों की ताकत का जश्न मनाएंगे!”
फेस्टिवल हमेशा की तरह अपने मूल आदर्श के प्रति प्रतिबद्ध रहेगा: एक लोकतांत्रिक, किसी भी गठबंधन से मुक्त मंच प्रस्तुत करना, जो बोलने की आज़ादी को सुरक्षित करता है| पिछले 15 सालों में यह आइकोनिक फेस्टिवल एक वैश्विक साहित्यिक दीवानगी में बदल गया है, जिसने दुनियाभर के लगभग 5000 वक्ताओं और कलाकारों की मेजबानी की है और दुनिया के 200 मिलियन से ज्यादा लोगों के दिलों को छुआ है|
अपने 2023 संस्करण में, फेस्टिवल लगभग 400 वक्ताओं की मेजबानी करेगा, जो भिन्न-भिन्न जगहों और देशों से होंगे| इन वक्ताओं में नोबेल, बुकर, इंटरनेशनल बुकर, पुल्तिज़र, साहित्य अकादमी, बैली गिफर्ड, पेन अमेरिका लिटरेरी अवार्ड्स, डीएससी प्राइज, जेसीबी प्राइज जैसे पुरस्कारों से सम्मानित लेखक होंगे| फेस्टिवल की थीम भी इसके वक्ताओं की तरह बहुरंगी होगी, जिसके तहत फेस्टिवल में जलवायु परिवर्तन, फीमेल वॉइसेस और पहचान, अपराध कथा, संस्मरण, अनुवाद, काव्य, इकोनॉमिक्स, टेक मोरालिटी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, कृषि में वैश्विक संकट, रूस-यूक्रेन विवाद, ब्रिटिश एम्पायर की हिंसा, नए ज़माने के विज्ञान, इंडिया@75, विभाजन की यादें, जिओपॉलिटिक्स, कला और फोटोग्राफी, हेल्थ और मेडिसीन जैसे विषयों पर चर्चा होगी|
इस साल, फेस्टिवल में इसके बहुप्रतीक्षित स्कूल आउटरीच प्रोग्राम की एक बार फिर से वापसी होने जा रही है| प्रथम बुक्स के सहयोग से आयोजित इस प्रोग्राम के माध्यम से बहुत से बच्चों और युवाओं को फेस्टिवल से जुड़ने का अवसर मिलता है| आज, धरती के सबसे ‘बड़े’ साहित्यिक शो के प्रोड्यूसर, टीमवर्क आर्ट्स ने एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से स्कूल आउटरीच प्रोग्राम की महत्ता के विषय में बताया|
इस साल, आउटरीच प्रोग्राम जयपुर के 50 से ज्यादा संस्थानों के जरिये, 5000 से अधिक बच्चों तक अपनी बात पहुंचाएगा| प्रोग्राम का मकसद विविध सत्रों, बुक रीडिंग, स्टोरीटेलिंग के सत्रों और इलस्ट्रेशन वर्कशॉप के माध्यम से विद्यार्थियों की अगली पीढ़ी तक जागरूकता पहुँचाना है| बच्चों तक ज्ञान की पहुँच और जयपुर शहर के प्रति अपने कर्तव्य को ध्यान में रखते हुए, फेस्टिवल का सालाना आउटरीच प्रोग्राम युवा मस्तिष्कों को सक्षम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है| फेस्टिवल के विविध
सत्रों और पिछले सालों में शुरू हुए इस आउटरीच प्रोग्राम के माध्यम से हम बच्चों और युवाओं के लिए ज्ञान के स्रोत खोल देना चाहते हैं| इस साल, इस प्रोग्राम की पहल से बच्चों के शैक्षणिक और भावनात्मक विकास पर फोकस किया जायेगा| ऑनलाइन स्कूलिंग, डिजिटल क्लासरूम और लाइब्रेरी-इन-ए-क्लासरूम जैसे टूल्स के माध्यम से बच्चों को प्रिंटेड किताबों के और करीब लाया जायेगा, जो उनके समग्र विकास में योगदान देगा|
इस सहयोग पर प्रथम बुक्स के सीईओ, हिमांशु गिरी ने कहा, “एक बार फिर आउटरीच पार्टनर के रूप में फेस्टिवल से जुड़कर हमें गर्व है| ‘हर बच्चे के हाथ तक किताब’ पहुँचाने के अपने ध्येय के साथ, हम उस नुकसान के प्रति जागरूक हैं, जो महामारी में स्कूल बंद होने पर बच्चों ने उठाया| हमें उम्मीद है कि ऐसी अनेकों पहल के माध्यम से बच्चे वापस से किताबें पढ़ने के सुख को महसूस कर पाएंगे| और ये किताबें उन्हें उनकी मातृभाषा में उपलब्ध होंगी|”
इस साल, सभी छात्रों के लिए पास 100 रुपये/प्रति छात्र में उपलब्ध होगा, जो फेस्टिवल के सभी दिनों में मान्य होगा| फेस्टिवल के कुछ महत्वपूर्ण सत्रों की लाइव स्ट्रीमिंग भी होगी, जो फेस्टिवल की माइक्रोसाइट पर उपलब्ध होगी| दुनियाभर के श्रोता इन सत्रों को फ्री में सुन सकते हैं|