जयपुर । राजमाता गायत्री देवी न केवल मेरे लिए बल्कि इस देश और विश्व भर में कई लोगों के लिए एक आदर्श थीं। व्यापक रूप से अपने आकर्षण और सुंदरता के लिए जानी जाने वाली, वह एक खूबसूरत इंसान भी थीं। राजसमंद की सांसद दीया कुमारी ने शुक्रवार को डीयू लिट फेस्ट में कहा कि वे लड़कियों की शिक्षा के प्रति जुनूनी थीं और उन्होंने 1940 के दशक में स्कूलों और खेल संस्थानों की शुरुआत की थी।
उन्होंने कहा कि “वह अपने समय से बहुत आगे थीं, एक महिला जिसने घोड़ों की सवारी की, बैडमिंटन और टेनिस खेलीं, गोल्फ क्लब और टेनिस क्लब शुरू किया, और मेरे दादा, महाराजा सवाई मान सिंह के पूर्ण सहयोग से लड़कियों और महिलाओं के जीवन में बदलाव का नेतृत्व किया। मैं राजमाता द्वारा शुरू किए गए एमजीडी स्कूल में भी गई। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि मेरे बड़े होने के वर्षों पर उनकी गहरी छाप थी।”
वे दिल्ली यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित दिल्ली लिटरेचर फेस्टिवल में बोल रही थीं, जो कि अपनी शताब्दी मना रहा है। वे स्वर्गीय राजमाता गायत्री देवी के संस्मरण ‘ए प्रिंसेस रिमेम्बर्स’ पर जयपुर की जानी-मानी लेखक धर्मेंद्र कंवर से बातचीत कर रही थीं।
बातचीत के दौरान दीया कुमारी ने महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय संग्रहालय को दुनिया के प्रमुख महल-संग्रहालयों में से एक बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताया। उन्होंने यह भी कहा कि स्वर्गीय राजमाता से प्रेरित होकर उन्होंने प्रिंसेस दीया कुमारी फाउंडेशन (पीडीकेएफ) स्थापित किया था, जिन्होंने महिलाओं को समाज में अपना सही स्थान हासिल करने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया। पीडीकेएफ, उनकी तरह , ग्रामीण और शहरी महिलाओं और लड़कियों के जीवन-कौशल को बढ़ा रहा है, और आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित कर रहा है।
राजसमंद सांसद ने कहा कि पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में महिलाओं की स्थिति में कई मायनों में बेहतरी हुई है। महिला-केंद्रित और महिलाओं के नेतृत्व में विकास में बदलाव आया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि राजनीति एक पुरुष प्रधान क्षेत्र रहा है। आज के समय में लोकसभा में केवल 82 महिला सांसद हैं। महिलाओं को राजनीति में प्रवेश करने के लिए एक मजबूत समर्थन प्रणाली की आवश्यकता है क्योंकि यह एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण स्थान है।
दीया कुमारी ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन सभी महिलाओं के लिए एक उदाहरण पेश किया है जो राजनीति में प्रवेश करना चाहती हैं। कुछ महत्वपूर्ण विभागों को महिला मंत्रियों द्वारा संभाला जा रहा है, जैसे कि निर्मला सीतारमण। उन्होंने विश्वास जताया कि भारतीय महिलाओं का राजनीति में उज्ज्वल भविष्य है और उन्होंने आशा व्यक्त की, कि भारत एक ‘जेंडर-बेलेंस्ड पॉलीटिकल लीडरशिप’ बने।
दीया कुमारी ने लिटरेचर फेस्टिवल शुरू करने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी को बधाई दी।