उन्होंने फेसबुक के माध्यम से कहा कि
राजस्थान विधानसभा में फोन टेपिंग को लेकर मैं 14 अगस्त, 2020 को ही पूरी बात रख चुका हूं। ऐसा लगता है कि ये बीजेपी का आपसी झगड़ा है। वर्चस्व की लड़ाई है। जिसमें बेवजह मुद्दे बनाये जा रहे हैं। अनावश्यक रूप से हाउस को डिस्टर्ब किये जाने की कोशिश है।
राजस्थान की 15वीं विधानसभा के पंचम सत्र के पहले दिन संबोधन:
(14 August 2020)
देश के अंदर हर पॉलिटिकल पार्टी में कई बार डिस्टेंस हो जाते हैं, पर जिस खूबसूरती के साथ में उसका समापन हुआ, उसका कोई धक्का किसी को लगा है देश के अंदर, तो वो अमित शाह जी को लगा, आप सबको लगा। उससे आप बौखलाए हुए हो, आज बौखलाहट आपकी नजर आ रही थी। आप ऐसे बंदे थे और हो सकता है सही भी हो, कि आपके माननीय अध्यक्ष महोदय आपकी पार्टी के और माननीय उप नेता प्रतिपक्ष, जानबूझकर गए या अनजाने में गए, पता नहीं। परंतु या तो दोनों ने मिलकर आपसे बातें छिपाई हैं या केंद्र सरकार के जो बड़े-बड़े नेता इस षड्यंत्र में शामिल थे आपके, उन्होंने आपको इन्वॉल्व नहीं किया है, इन दोनों को इन्वॉल्व किया है। इसलिए आप हो सकता है कि इनोसेंटली बोल रहे हो, इनोसेंटली बोल रहे हो इसलिए मैं आपको क्या कहूं, क्योंकि आप नेता प्रतिपक्ष हो और आपकी यहां कैसी चल रही है मालूम है आपको। किन-किनको इन्वॉल्व करना है, कौन केंद्रीय मंत्री इन्वॉल्व थे (श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत), आपको मालूम भी है, उनका नाम तो ऑडियो टेप में आ ही गया और टेप कैसे हो गई, अरे आप तो गृह मंत्री रहे हैं, मुझसे पूछ रहे हो? लीगल होता है, इललीगल होता है, वो आप मुझसे पूछ रहे हो? राजस्थान में कभी परंपरा रही नहीं है इललीगल विधायकों के, एमपी के टेप करने की और न यहां हुआ है, ये मैं कह सकता हूं राजस्थान में।
17 जुलाई एवं 20 जुलाई, 2020 को विभिन्न इलेक्ट्रोनिक मीडिया में मैंने अपनी भावना बताई थी –
देखिए बात सुनिए, ये इतने घबरा गए हैं, सबको मालूम है कि किसकी आवाज है (श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत), जनता इतनी मूर्ख नहीं है कि उनको सफाई देनी पड़ रही है कि गंगानगर की है कि धौलपुर की है कि जयपुर की है कि जोधपुर की है आवाज।
सबको मालूम है और राजस्थान में परंपरा कभी रही नहीं है इललीगल टैप करने की, इललीगल सर्विलांस करने की परंपरा रही नहीं है यहां पर। इसलिए इनके तर्क जो हैं उनके कोई मायने नहीं हैं। चीफ सेक्रेटरी हों चाहे होम सेक्रेटरी हों, उनको नौकरी करनी होती है, वो इललीगल काम कभी नहीं कर सकते हैं। जो कुछ भी यहां पर सर्विलांस होती है, जिन लोगों के लिए होनी चाहिए तो वो कायदे से होती है।
ये कहना कि मुख्यमंत्री हमारे फोन टेप करवा रहा है, अरे मैं स्वयं जब आरोप लगाता हूं केंद्र सरकार पर कि आज पूरा देश डरा हुआ है, टेलीफोन पर बात करते हुए डरता है कि भई व्हाट्सएप पर बात करो, कहीं बात हमारी टेप हो रही होगी ? पूरे देश के इंडस्ट्रियलिस्ट्स हों, व्यापारी हों, पॉलिटिशियन हों, डरे हुए हों और मेरा आरोप केंद्र सरकार पर ये होता है कि ये माहौल बन गया है पूरे देश के अंदर, वो व्यक्ति (CM) कैसे इललीगल सर्विलांस करवा सकता है बताइए आप? इसलिए मैंने कहा, “कुछ लोगों ने कहा है कि आपके घर पर टेप बन गई, आपके ऑफिस में टेप बन गई, उन्होंने रिलीज़ की है”, मैंने कहा तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा अगर प्रूव कर दें तो।
सवाल- कहने का मतलब है कि आपके पास आई, ये काम चीफ मिनिस्टर ऑफिस की तरफ से नहीं किया गया क्योंकि ये आरोप लग रहे हैं?
जवाब- ऑफिस की तरफ से होता भी नहीं है, ये कभी अगर उनको लगता है कि हमने षड्यंत्र करके टेप फर्जी टेप बनाई है, क्या कहते हैं उसको डॉक्टर्ड टेप कह दीजिए, अगर ये आरोप वो लगाते हैं तो मैं राजनीति से इस्तीफा दे सकता हूं, राजनीति छोड़ सकता हूं मैं। ये आरोप लगाते हैं कि मैंने मेरे ऑफिस में टेप बनाई है।
सवाल- अगर ये साबित हो गया तो आप राजनीति छोड़ने के लिए तैयार हैं?
जवाब- मुझे क्या अधिकार है कि अगर मैं झूठी टेप बनवाऊं लोगों की अपने हित के अंदर, सरकार बचाने के लिए, तो मेरा मॉरल अधिकार है क्या कि मैं सरकार में बना रहूं?