जयपुर: अखिल राज्य ट्रेड एण्ड इण्डस्टी एसोसियेशन (आरतिया) ने राजस्थान सरकार के निवेश सम्मेलन ‘‘राईजिंग राजस्थान’’ हेतु सुझाव प्रेषित करने के संदर्भ में एक मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमें आरतिया अध्यक्ष विष्णु भूत, चैयरमेन कमल कन्दोई, मुख्य संरक्षक आशीष सराफ, कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम बियानी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा, सलाहकार ओ.पी. राजपुरोहित, संयुक्त सचिव सी.ए. आयुष जैन व अन्य पदाधिकारियों ने भाग लिया।
कमल कन्दोई ने बताया कि राजस्थान में निवेशको के लिए सबसे बड़ी चुनौती औद्योगिक भूमि की उपलब्धता है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा सितम्बर 2004 में औद्योगिक भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य में लैंड बैंक बनाने जिलों के कलेक्टर्स को जिले में नए निवेशको की मांग के अनुरूप परियोजना स्थापित करने के उद्देश्य से लैंड बैंक की स्थापना हेतु भूमि को चिन्हित कर उन्हें आरक्षित (सेट अपार्ट)करने के लिए निर्देशित किया गया था जिसकी अनुपालना में जिलों में राजकीय भूमि को औद्योगिक प्रयोजनार्थ आरक्षित की जाकर निवेशको को उधम स्थापना हेतु आवंटित की गई थी। इसी के अनुसार वर्तमान सरकार भी आदेश प्रसारित करें तथा जिलों के कलेक्टर्स को अपने-अपने जिले में उपयुक्त राजकीय भूमि को औद्योगिक लैंड बैंक स्थापना हेतु आरक्षित करने के लिए निर्देशित किया जावे ताकि राइजिंग राजस्थान में देश-विदेश एवं स्थानीय निवेशकों (एनआरआई व एनआरआर) उधम स्थापना हेतु औद्योगिक भूमि उपलब्ध करवाई जा सके।
आशीष सराफ ने सुझाव दिया कि राज्य सरकार प्रत्येक जिले का सर्वे करवाकर वहां पर उपलबध कच्चा माल जैसे कि कृषि उत्पाद मिनिरल्स, हैण्डीक्राफ्ट्स, स्कील लेबर, पानी व बिजली एवं अन्य किसी प्रकार का कच्चा माल एवं सेवाऐं जो वहां पर उस जिले में उपलबध है उसकी जानकारी के साथ साथ उनसे उत्पादित होने वाले उत्पाद फिनिष्ड गुड्स और उस उत्पाद के बाजार/निर्यात की जानकारी भी अगर उपलबध करवाये अर्थात एक बास्केट बनाकर प्रस्तुत करे तो निवेशक सहज ही आकर्षित होगा और उस जिले में निश्चित रूप से निवेश करने का मानस बनायेगा। जो व्यक्ति अपने देश को छोडकर परदेश में चला गया है उसे यदि अपने ही देश व जिले में काम करने का मौका मिलेगा तो वह जरूर वहां निवेश करना चाहेगा और अपने गांव के साथ व अपनी माटी के साथ जुडना चाहेगा, जिससे एक बहुत बडा निवेश आने की पूर्ण संभावना है।