जयपुर। आल राज. ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसियेशन द्वारा सम्पूर्ण विश्व में उपलब्ध व्यापार संभावनाओं पर मंथन करने के बाद पाया कि वर्तमान में व्यापार व उद्योग के लिये आशीयान देशों में अपार संभावनाऐं उपलब्ध है।
आरतिया के मुख्य सलाहकार कमल कन्दोई ने बताया कि वर्तमान समय में आशीयान देश अपनी व्यापारिक संभावनों के मद्देजर सम्पूर्ण विश्व को आकर्षित कर रहे है। इस दिशा में आरतिया द्वारा चरणबद्ध तरीके से इन देशों की यात्रा कर सम्पूर्ण जानकारी एकत्र करने एवं वहां स्थित भारतीय दूतावासों के माध्यम से स्थानीय सरकार एवं व्यापारिक संगठनों के साथ मीटिंग्स कर प्रत्येक देश की भौगोलिक दशा अनुसार वहां पर उपलब्ध संभावनाओं को तलाशने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसी कडी में आरतिया के एक प्रतिनिधिमण्डल ने हाल ही में आषीयान देशों वियतनाम एवं थाईलैंड की यात्रा की।
अध्यक्ष विष्णु भूत ने बताया कि प्रतिनिधिमण्डल को अपने इस प्रयास में वियतनाम एवं थाईलेंड स्थित भारतीय दूतावासों का पूर्ण समर्थन प्राप्त हुआ तथा प्रतिनिधिमण्डल ने भारतीय राजदूतों के साथ वार्ता करके आरतिया के कार्यों एवं उद्देष्यों से अवगत कराया। भारतीय दूतावास के सहयोग से स्थानीय सरकारों के व्यापार व उद्योग मंत्रालय के विभिन्न अधिकारियों एवं व्यापारिक संगठनों के साथ वृहद् चर्चा एवं संवाद स्थापित किया गया।
मुख्य संरक्षक अशीष सराफ ने बताया कि यात्रा के दौरान प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों कमल कन्दोई, ज्ञानप्रकाश, अजय गुप्ता, संजय पाराशर, विनोद शर्मा एवं सचिन अग्रवाल ने हनोई स्थित वियतनाम के उद्योग एवं व्यापार मंत्रालय के दक्षिण-पूर्वी डिवीजनल प्रभारी व एशिया-अफ्रिका विभाग की क्षेत्रिय सहयोगी सुश्री ले थियानह, एषिया-अफ्रिका विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जनरल डो चुंग हीरू, हनोई स्थित भारतीय दूतावास में प्रथम सचिव सुश्री मिनी कुमाम (आईएफएस), वियतनाम स्थित इनवेस्ट ग्लोबल के वरिष्ठ अधिकारिगण श्री बुई ट्रोंग थोअन एवं गुयेन नोई, उप महानिदेशक, वियतनाम एषोसियेशन ऑफ फोरेन इनवेस्टमेंट एन्टरप्राईजेज के अधिकारियों, थाईलैंड स्थित भारतीय दूतावास के राजदूत नागेश सिंह (आईएसएस) एवं प्रथम सचिव (आर्थिक एवं व्यापार) धर्मेन्द्र सिंह, थाई चैम्बर ऑफ कॉमर्स (आईटीसीसी) के अध्यक्ष श्री सुषिल कुमार धानुका, अर्न्तराष्ट्रीय मामलों के कार्यकारी निदेशक बीरेन सुरेन्द्र पारेख, संयुक्त मानद् कोषाध्यक्ष अष्वित मेहता, थाईलैंड सरकार के बार्ड ऑफ इनवेस्टमेंट के कार्यालय में वरिष्ठ निवेश प्रोत्साहन अधिकारी एवं पेशेवर श्री पतिपोल कोर्नकामोनपु्रक, थाई चैम्बर ऑफ कॉमर्स, थाईलैंड बोर्ड ऑफ ट्रेड, थाईलैंड-वियतनाम बिजनेस काउन्सिल के सहायक महासचिव सौंगसेंग पतावनिच, सलाहकार एवं पूर्व अध्यक्ष सुशिल कुमार सरार्फ, ईर्स्टन ईकोनॉमी कोरिडोर (जो की थाईलैंड सरकार की नोडल एजेन्सी है, जो कि सिंगल विंडों के माध्यम से किसी भी प्रोजेक्ट की स्थापना के सम्बन्ध में पूर्ण सहयोग प्रदान करती है) के इनवेस्ट प्रमोशन विभाग के निदेशक तीरापत थिंकोसोल, उपनिदेशक श्री थनावत अरूनपुन, इनवेस्ट प्रमोशन स्ट्रेटेजी एवं फोरेन अफेयर्स के सहायक निदेशक श्री थीचाघन, विदेष मामलों के कार्यकारी निदेशक श्री निकोरन सचदेव, ज्वाईंट फॉरेन चैम्बर ऑफ कॉमर्स इन थाईलैंड की चैयरवुमन सुश्री विबेके लिसंड लीरवाग, इन्टरनेशनल ट्रेड कमेटी के चैयरमेन श्री स्टीफन वेन डर स्ल्यूस, वाईस चैयरमेन रवि सहगल, एसएमई समिति अध्यक्ष डॉ सुप्रीक चार्ली चोमचैन, चैयरपर्सन डॉ. निम्न्यूएल पिव्थोंगनगम एवं मानद् कोषाध्यक्ष टिमोथे वोंग के साथ मुलाकात की।
आरतिया सलाहकार अजय गुप्ता एवं ज्ञानप्रकाश ने बताया कि भारत से आशियान देशों में मशीनरी, फूड-वेस्ट, रेलवे के अलावा अन्य सभी तरह के वाहन, अल्यूमीनियम, कॉटन, स्टोन, प्लास्टर, सीमेंट, एस्बेस्टस, माईका, इलेक्ट्किल व इलेक्ट्रोनिक उपकरण, आर्गेंनिक रसायन, दवाओं, तिलहन, फल, अनाज, बीज, प्लास्टिक, रसायनिक उत्पादों, लीड, नमक, सल्फर, लाईम, सेरेमिक उत्पाद, रबर, कागज व कागज बोर्ड, ग्लास व ग्लासवेयर्स आदि का निर्यात हो रहा है, जिसे बढाया जा सकता है तथा इसमें अन्य कई उत्पादों को शामिल किया जा सकता है।
आरतिया कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम बियानी एवं उपाध्यक्ष विनोद शर्मा ने बताया कि इन देशों की सरकार की विभिन्न पॉलिसीज, प्रदान की जा रही सुविधाओं एवं फायदों, विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध टाईअप्स एवं ज्वाईंट वेंचर्स के संदर्भ में आरतिया द्वारा जनवरी 2024 में ट्रेड एण्ड इण्डस्ट्री कॉनक्लेव के माध्यम से सर्विस सेक्टर, ज्वाईंट वेंचस, बीटूबी एवं बीटूजी मीटिंग्स का आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमण्डल की यह प्रथम विजिट बेहद सफल रही तथा आगामी दिनों में एक ओर प्रतिनिधिमण्डल इन देशों की पुनः यात्रा कर व्यापार संभावनाओं को धरातल पर लाने हेतु प्रयत्नशील है तथा भारत एवं उक्त देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार बढ़ाने की दिशा में अपने पूर्ण प्रयास करेगा।