राजस्थान में भाजपा सत्तारूढ़ कांग्रेस के खिलाफ सत्ता विरोधी माहौल को तो भुनाने में जुटी है, साथ ही वह अपनी राज्य की सबसे बड़ी नेता वसुंधरा राजे को भी साध कर चलेगी। राज्य में अभी तक के चुनाव अभियान संबंधी महत्वपूर्ण फैसलों में पार्टी ने सामूहिक नेतृत्व पर जोर दिया है, लेकिन अब उम्मीदवारों के चयन में राजे को खासी अहमियत मिलने की संभावना है। पार्टी सबसे पहले हारी हुई सीटों के लिए उम्मीदवार की लिस्ट जारी करेगी
राजस्थान में भाजपा के लिए अन्य राज्यों के मुकाबले ज्यादा अनुकूल स्थितियां हैं। पांच साल में कांग्रेस अपने अंतर्कलह से जूझती रही है और एक बार तो सरकार गिरने की नौबत तक आ गई थी। इसके अलावा राज्य में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिससे कांग्रेस सरकार की छवि काफी प्रभावित हुई है। वैसे भी राज्य में बीते दो दशकों से हर पांच साल में सरकार बदलती रही है।
अगर वसुंधरा राजे को अहमियत नहीं दी गई तो निश्चित रूप से राजस्थान में भाजपा को बड़ा नुकसान होने की संभावना है।