नईदिल्ली।
जालोर-सिरोही सांसद देवजी एम पटेल ने 17वीं लोकसभा के 7वें सत्र में प्रथम दिवस उपस्थित हुए तथा क्षेत्र में शिक्षा कार्यक्रम में सुधार एवं प्रगति लाने की बात रखी। उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान राजस्थान, गुजरात सहित देश के ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में समग्र शिक्षा अभियान के विस्तार के लिए विभिन्न कार्यक्रम, योजनाएं और परियोजनाएं चलाने सहित सरकार द्वारा सभी सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा का माध्यम विकसित करने करने की मांग रखी।
सांसद पटेल के प्रश्न का उत्तर देते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि समग्र शिक्षा के तहत पूर्व विद्यालय से कक्षा 12 तक विस्तारित स्कूल शिक्षा क्षेत्र के लिए एक व्यापक कार्यक्रम हैं। वर्ष 2018-19 से राजस्थान और गुजरात राज्य के ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों सहित देश में संचालित है। योजना का दृष्टिकोण शिक्षा के लिए सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विजन अनुसार समावेशी और सामान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करना है। समग्र शिक्षा के तहत देश के सभी क्षेत्रों में विभिन्न हस्तक्षेपों जैसे कि स्कूलों को खोलना/मजबूत करना, मुक्त पाठ्यपुस्तकों और वर्दी का प्रावधान, आवासीय स्कूलों और छात्रावासों की स्थापना और संचालन, जिसमें कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय और नेता सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय शामिल है, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की समावेशी शिक्षा का प्रावधान, परिवहन और एक्सकॉर्ट सुविधा, शिक्षकों का सेवाकालीन प्रशिक्षण, आईसीटी, व्यावसायिक शिक्षा और अन्य गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि उŸार देते हुए बताया कि स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने एकीकृत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से प्रारंभिक स्तर पर अधिगम परिणामों में सुधार के लिए अगस्त 2019 में समग्र शिक्षा की केंद्र प्रायोजित योजना के तहत स्कूलों प्रमुखों और शिक्षकों के सर्वांगीण विकास हेतु राष्ट्रीय पहल निष्ठा नामक एक पहल की शुरुआत की है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य छात्रों में महत्वपूर्ण सोच, विविध परिस्थितियों को संभालने और प्रथम स्तर के परामर्शदाताओं के रूप में कार्य करने के लिए शिक्षकों को प्रोत्साहित करना और उन्हें समर्थ बनाना है। कोविड महामारी के कारण प्रारंभिक स्तर पर शिक्षकों को निर्बाध अध्ययन के अवसर प्रदान करने के लिए, शेष प्राथमिक शिक्षकों तक पहुंच प्रदान करने के लिए अक्टूबर 2020 में दीक्षा प्लेटफार्म का उपयोग करते हुए निष्ठा ऑनलाइन की शुरुआत की गई। निष्ठा ऑनलाइन में प्राथमिक शिक्षकों के लिए 11 भाषाओं में 18 पाठ्यक्रम मौजूद हैं। शिक्षकों का अधिगम परिणाम, योग्यता आधारित शिक्षण और परीक्षण, शिक्षार्थी-केंद्रित शिक्षाशास्त्र, स्कूल संरक्षा और सुरक्षा, व्यक्तिगत-सामाजिक गुण, समावेशी शिक्षा, कृत्रिम बुद्धिमता, योग सहित स्वास्थ्य और कल्याण, स्कूली शिक्षा में नई पहल जिसमें पुस्तकालय, इको क्लब, यूथ क्लब, किचन गार्डन, स्कूल लीडरशिप गुण, पर्यावरण संबंधी चिंताएं, प्री-स्कूल, प्री-वोकेशनल एजुकेशन और स्कूल बेस्ड एसेसमेंट सहित शिक्षण अधिगम में आईसीटी से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया।
उन्होंने बताया कि 17 मई 2020 को आत्मनिर्भर भारत अभियान के भाग के रूप में पीएम ई-विद्या नामक एक व्यापक पहल शुरू की गई, जो शिक्षा के लिए मल्टी-मोड पहुंच को सक्षम करने के लिए डिजिटल/ऑनलाइन/ऑन-एयर शिक्षा से संबंधित प्रयासों को एकीकृत करती है। जो निम्न पहल है – दीक्षा (एक राष्ट्र-एक डिजिटल मंच) – देश के सभी क्षेत्रों में स्कूली शिक्षा के लिए गुणवत्तापूर्ण ई-सामग्री प्रदान करने हेतु देश का डिजिटल बुनियादी ढांचा है। इस पर सभी कक्षाओं के लिए क्यूआर कोडित सक्रि पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध है। 1 से 12 तक की कक्षाओं के लिए प्रति कक्षा एक निर्धारित स्वयं प्रभा टीवी चौनल (एक कक्षा-एक चैनल)। रेडियो, सामुदायिक रेडियों और सीबीएसई पोडकास्ट – जिसमें शिक्षा वाणी का व्यापक उपयोग। एनआईओएस वेबसाइट/ यूट्यूब पर डिजिटली एक्सेसिबल इनफॉरमेशन सिस्टम और सांकेतिक भाषा में दृष्टिबाधित और श्रवण बाधितों के लिए विशेष विकसित ई-कंटेंट।