लोकसभा सांसद देवजी एम. पटेल ने गुरुवार को लोकसभा के बजट सत्र के दौरान वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा में भाग लिया। उन्होंने संसदीय क्षेत्र की इंडस्ट्रीज से संबंधित समस्याओं एवं सुझावों के बारे में सदन के माध्यम से मंत्री का ध्यानाकर्षण करवाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार द्वारा कृषि के क्षेत्र में बहुत अच्छे कदम उठाएं हैं। जिससे का परिणाम है कि आज देश कृषि के क्षेत्र में निर्यात 19,7009 मिलियन डॉलर हुआ हैं। गेहूं के निर्यात में लगभग चार गुणा उछाल आया है तथा चावल में विदेशी मुद्रा अर्जित करने में भी देश शीर्ष स्थान पर है।
सांसद पटेल ने सदन के माध्यम से बताया कि जालोर-सिरोही संसदीय क्षेत्र कृषि पर निर्भर है। क्षेत्र में सर्वाधिक उत्तम जीरा और इसबगोल का उत्पादन होता है। जो देश में प्रथम स्थान पर हैं। लेकिन क्षेत्र में जीरा एवं ईषबगोल के इंडस्ट्रीज को अभी तक प्रोत्साहन नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में पूर्व में भी मंत्रालय से मांग की गई है कि क्षेत्र में जीरा एवं इसबगोल की फैक्ट्री (इंडस्ट्रीज) लगाई जायें ताकि क्षेत्र के किसानों की आय में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ सरकार को भी राजस्व मिलेगा तथा वहां का जीरा एवं ईषबगोल का विदेषों में भी निर्यात होगा।
सांसद पटेल ने संसदीय क्षेत्र के स्टेनलेस स्टील (मेटल मार्केट) में कार्य कर रहे लोगों को सहयोग प्रदान करने की मांग रखते हुए बताया कि क्षेत्र के लगभग 80 से 90 फिसदी मारवाड़ के लोग संपूर्ण भारत वर्ष में स्टेनलेस स्टील में व्यवसाय करते है, जो कि देष की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा सहयोग प्रदान करते हैं। लेकिन गिने-चुने बड़े-बड़े उद्योगपति उन्हें व्यवसाय में मदद नहीं करते है तथा उन्हे समय पर राॅ मेटेरियल नहीं मिलने से उन्हें बहुत परेषानियों का सामना करना पड़ता है, अतः ऐसे छोटे-मोटे व्यापारियों को सरकार से सहयोग प्रदान किया जायें ताकि आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार हो सकें तथा उन्हें जीवनयापन में आसानी हो सके।
सांसद पटेल ने बताया कि ग्रेनाईटी नगरी के नाम से जालोर का ग्रेनाईट का उपयोग सर्वाधिक किया जा रहा हैं। नई दिल्ली में निर्माणाधीन संसद की नवीन भवन में भी ग्रेनाइट का उपयोग किया जा रहा हैं। उन्होंने सरकार से ग्रेनाइट इंडस्ट्रीज को प्रोत्साहन देने का अनुरोध करते हुए व्यापारियों को यथोचित सहयोग प्रदान करने एवं निर्यात के लिए रैक लगाने की बात कही ताकि ग्रेनाइट का विदेशों में निर्यात किया जा सकें।
उन्होंने सदन के माध्यम में उपरोक्त समस्याओं का निस्तारण करते हुए कृषि के क्षेत्र में विशेष ध्यान देते हुए जीरा एवं ईसबगोल की इंडस्ट्री की स्थापना करने की पुरजोर मांग रखते हुए बताया कि इससे विश्व में देश का नाम रोशन होगा तथा किसानों की आय दोगुनी करने में भी फायदा रहेगा।