सासंद देवजी पटेल ने लोक सभा में सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय की अनुदानों की मांगों पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा -सरकार ने विगत सात सालों में सड़क परिवहन के विस पर विशेष रूप से जोर दिया है। जिसके शुभ परिणाम अब नजर आने लगे हैं। सरकार ने इस साल के बजट में इस सड़क परिवहन मंत्रालय के लिए 1,99,108 करोड़ रूपयों का प्रावधान किया है जो पिछले साल के अनुमानित खर्चे से 68,000 करोड़ रूपए अधिक है। सड़क क्षेत्र में सरकार ने लगातार निवेश को बढ़ाया है। सरकार के इस कदम से देशभर में न केवल सड़क परिवहन के आधारभूत ढांचे का बड़े पैमाने पर विकास हुआ है अपितु बड़ी संख्या में रोजगार और जीवनयापन के साधन उपलब्ध हो पाए हैं। सरकार के विगत सात सालों के समर्पित प्रयासों से भारत में सड़क नेटवर्क बढ़कर 59.49 लाख किलोमीटर हो गया है। सरकार अपने संकल्प के साथ पूरे देश भर में उच्च गति वाले अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता के राजमार्गों का तेजी से निर्माण कर रही है। यही नहीं, सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सड़क परिवहन क्षेत्र में बड़ी घोषणा की गई हैं। 2022-23 के दौरान 25 हजार किमी तक राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार किया जाएगा। पीएम गति शक्ति के माध्यम से 2022-23 में सड़क परिवहन मास्टर प्लान को अंतिम रूप दिया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन के उपयोग में बदलाव को बढ़ावा देने के लिए शून्य ईंधन नीति के साथ क्षेत्रों को विशेष गति देने का काम किया जाएगा। बजट 2022 -23 से रोड़ ट्रांसपोर्ट क्षेत्र से जुड़े लोगों को बड़ी घोषणाओं सहित कई उम्मीदे थीं, जिसे सरकार ने कुछ हद तक पूरा किया है। ये सभी कार्य काफी उत्साहवर्द्धक हैं। सरकार परिवहन के अन्य तरीकों के निर्माण एवं विकास में भी पूरी ईमानदारी से कार्यरत है। इसमें और तेजी से कार्य सुनिश्चित करने हेतु शीघ्र ही राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम ) को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पीपीपी मोड के माध्यम से चार स्थानों पर मल्टीमाडल लाजिस्टिक्स पार्कों के कार्यान्वयन के लिए 2022-23 में कान्ट्रैक्ट दिए जाएंगे। इसके अलावा सार्वजनिक संसाधन के पूरक के लिए वित्तपोषण के नवीन तरीकों के माध्यम से 20,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। लोगों और सामानों की तेज आवाजाही की सुविधा के लिए 2022-23 में एक्सप्रेसवे के लिए पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। इस प्रकार देश भर में एक साल के भीतर राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का 2022-23 में 25,000 किलोमीटर तक विस्तार किया जाएगा। विदित हो कि सड़क परिवहन मंत्रालय ने पिछले वित्तीय वर्ष (2020-21) में करीब 12500 रोड का निर्माण कराया था. अर्थात् रोजाना औसतन 37 किमी रोड का निर्माण किया जा रहा है.सरकार कनेक्टिविटी बढ़ाने के साथ ही साथ पर्यटन पर भी जोर दे रही है ताकि हमारे नौजवानों के लिए ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध हों। बजट 2022-23 में कठिन पहाड़ी क्षेत्रों में पारंपरिक सड़कों के पसंदीदा पारिस्थितिक रूप से स्थायी विकल्प के रूप में राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम को पीपीपी मोड पर लिया जाएगा। इसका उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देने के अलावा यात्रियों के लिए कनेक्टिविटी और सुविधा में सुधार करना है। वित्त वर्ष 2022-23 में 60 किलोमीटर लंबी आठ रोपवे परियोजनाओं के कान्ट्रैक्ट दिए हैं। भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में अगले तीन वर्षों में 25 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि होने की संभावना है जो निश्चय ही प्रशंसनीय है. दरअसल केंद्र सरकार का लक्ष्य 2025 तक 2 लाख किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ने का है. भारत में पहले से ही 1.40 लाख किलोमीटर से अधिक का राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क है.
सासंद ने क्हा -महोदय, यहां मैं अपने जालोर सिरोही संसदीय क्षेत्र से संबंधित की कतिपय सड़क परिवहन व राष्ट्रीय राजमार्ग से संबंधित निम्नलिखित समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं
राज्य मार्ग रोहिट-आहोर-जालोर-भीनमाल-करडा-सांचौर
प्रदेश के जोधपुर संभाग के पश्चिमी क्षेत्र में रोहिट-आहोर-जालोर-भीनमाल-करडा-सांचौर का रास्ता करीब 250 किमी लंबा हैं। यह मार्ग जोधपुर, पाली, जयपुर, अजमेर, ब्यावर एवं दिल्ली को सीधा पश्चिम क्षेत्र से जोड़ता हैं, इस मार्ग से कांडला बंदरगाह, अहमदाबाद जैसे गुजरात के बडे शहरों से सीधा सर्म्पक होता है। साथ ही यह सड़क मार्ग जिले के सभी उपखंड क्षेत्र को जालोर जिला मुख्यालय एवं जोधपुर संभाग से जोड़ता हैं। इस मार्ग पर प्राचीन धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ अंतर राष्ट्रीय पाक सीमा से जुड़ने वाला मुख्य राजमार्ग हैं। इस सड़क मार्ग कों राष्ट्रीय राजमार्ग में निर्माण के लिए उदयपुर माननीय प्रधानमंत्री रैली में आप श्रीमान द्वारा घोषणा की जा चुकी थी। लेकिन अभी तक इस सड़क के संबंध में किसी भी प्रकार कोई प्रगति नही हुई है। आम जनता में उक्त सड़क मार्ग निर्माण में बड़ा उत्साह हैं।
गुजरात स्थित झेरडा से सिरोही मार्ग (वाया रेवदर और मंडार में बाईपास )
गुजरात स्थित डीसा से घानेरा राष्ट्रीय राज्यमार्ग (168।) घोषित किया गया है। गुजरात स्थित झेरडा से सिरोही राज्यमार्ग वाया मंडार रेवदर होते हुए, यह मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग (छभ् 62) से मिल जाता है । झेरडा से सिरोही मार्ग पर दिन प्रतिदिन गाडियो की संख्या बढती जा रही है। दोनो तरफ से यह सडक राष्ट्रीय राजमार्ग से मिलने के कारण भारी वाहनो को आवागमन बढता जा रहा है । इस मार्ग पर मंडार और रेवदर दो घनी आबादी वाले शहर है। इन शहरो के पास दिन मे ट्रेफिक जाम हो जाना अब आम बात हो गयी है। जिससे आम नागरिको को, स्कूल जाने वाले छात्रो को और व्यापारियो को काफी परेशानियो का सामना करना पडता है, इसलिए रेवदर और मंडार कस्बे के पास इस मार्ग पर बाईपास का आवश्यक है।
जालोर और सिरोही दोनो जिला केन्द्र के सम्पर्क मार्ग
जालोर से सिरोही के लिए आवागमन मुश्किलो से भरा है। टुटी फूटी सडको पर चलना इतना दुखदायी है कि करीब 75 कि0मी0 का सफर तीन से चार घ्ांटो मे पूरा होता है। भारी बारिश के दौरान जालोर मे अकोली और सिरोही मे जवाल नदी पर यातायात ठप हो जाता है। लोकसभा एक होने से दोनो जिले को परस्पर राष्ट्रीय स्तर के मार्ग से जोडन की आवश्यकता है। यह मार्ग स्वरूपगंज से कृष्णगंज कालंद्रील बलुट मंडाली से जालोर जिला केन्द्र को जोडा जा सकता है।
जालोर सिरोही में केन्द्रिय सडक निधि से सडको का निमार्ण
जालोर सिरोही में सडको की स्थिती बहुत ही खराब है । सिरोही जिला नीति आयोग के आकांक्षी जिला के सूची मे शामील है । आजादी के 74 वर्षो के बाद भी सिरोही जिले के अधिकतर गॉव सडक मार्ग से नही जुड पाये है। इस क्षेत्र में 2015-16 और 2017 – 18 मे बाढ आने के कारण के कई सडकें पुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए है । इस सडको पर यातायात भार ज्यादा होने के कारण लगातार दुर्घटनाए बढ रही है ।
1)ः- भीनमाल पुनासा से मीठीबेरी छभ्.15 ाउ 0ध्0 जव 35ध्0 डक्त् .174
2)ः- सिरोही कालद्री से रामसीन रोड ाउ 0ध्000 जव 32ध्000.38
छभ् दृ 68 पर स्थित व्लैक स्पॉट के स्थान पर सांचोर शहर में ब्रीज निमार्ण
राष्ट्रीय राजमार्ग 68 सांचोर शहर की घनी आबादी के मध्य से निकलता हैं। उक्त हाईवे का सांचोर शहर में फोर लाईन का होने से बड़े एवं लम्बी दूरी के वाहन भी इसी रास्ते से गुजरते हैं जिससे शहर में पुरे दिन ट्राफिक जाम रहता है । उक्त हाईवे से मुख्य शहर से ही स्टेट सड़क निकलती है । नेशनल हाईवें 68 में क्रॉसिग भी सांचोर शहर के मध्य स्थित है। सांचोर रानीवाडा चार रास्ता और पी0डब्लू0 डी0 चौराहा दो जगहो पर व्लैक स्पॉट के रूप चिन्हीत है । उपरोक्त वर्णित बिन्दुओं को मध्यनजर रखते हुए इस मुख्य समस्या के समाधान हेतु सांचोर शहर में ब्रीज निमार्ण करवाने की आवश्कता है
भारतमाला परियोजना जो राजस्थान मे पचपदरा बालोतरा सांचौर तथा गुजरात मे थराद आदि स्थानो के मार्ग मे किसानो को ट्रेक्टर से खेत मे आने जाने का रास्ता दिया जाए
भारतमाला परियाजना जिसका प्रसार राजस्थान मे पचपदरा बालोतरा सांचौर और आगे गुजरात मे थराद के रास्ते से होकर गुजरात है । यह मार्ग किसानो के खेत मे से होकर गुजरता है परन्तु उसमें किसानो को खेत मे जाने के लिए रास्ते का कोई प्रावधान नही रखा गया है तथा जो भी किसानो की भूमि अधिग्रहित की गयी है उसे जमीन पर बॉउड्री वाल बनायी जा रही है इस वजह से किसानो को खेत मे जाने के लिए कोई रास्ता नही बचता है सडक की वजह से किसानो के खेत दो भाग मे विभाजीत हो जाते है । इस कारण खेत मे जाने का कोई रास्ता नही बचता है । एन0एच0आई0 का मानना है जो कॉ्रसिंग दी गयी है इसी क्रॉसिंग का उपयोग करके किसान खेत मे जायेगे ,यह कॉ्रसिंग एन0एच0आई0 द्वारा हर 500 मीटर की दूरी पर दी गयी है जबकि किसानो के खेत कही 100 मीटर ,कही 50 मीटर के अंदर आते है इसलिए एन0एच0आई0 द्वारा दिए गए क्रॉसिंग का उपयोग करने से किसान केवल एक ही तरफ के खेत मे पहुॅच सकेंगे और इस तरह से बाकी बचे हुए शेष खेत मे किसान नहीं जा सकेगे ।
सासंद ने कहा-जालोर सिरोही संसदीय क्षेत्र की उपरोक्त मांगें काफी समय से लम्बित हैं। अत आपसे अनुरोध है उपरोक्त मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उनको स्वीकार कर बजट में उनके पूरा करने के लिए आवश्यक धनराशि का प्रावधान कर निधियां जारी की जाएं ताकि उपरोक्त सभी कार्यां को समयबद्ध ढंग से पूरा किया जा सके।