जयपुर. इंडियन काउंसिल ऑफ एस्ट्रोलॉजिकल साइंसेज (रजि) आइकास के प्रथम संस्थापक डॉक्टर बी वी रमन का ज्योतिष में क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान रहा है। सेमिनार का आयोजन साइंस पार्क शास्त्री नगर में किया गया। इस सेमिनार में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष आइकास के आर्य भूषण शुक्ला द्वारा दोहरा प्रभाव ज्योतिष में भावात् भावम का सिद्धांत पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। साथ ही उन्होंने बताया कि बाहरी ग्रह की दो दृष्टियां क्यों होती है और कैसे महत्वपूर्ण होती है। साथ ही वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आइकास सतीश शर्मा द्वारा ज्योतिष वास्तु पर उपयोगी जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि आईकास के छात्रों को समाज मे ज्योतिष की सहायता से समस्या के निवारण बिना डराये बताएं।
जयपुर चैप्टर के दोनों चैप्टर चेयरमैन जगदीश तिवारी एवं मोहन लाल शर्मा द्वारा ज्योतिष संबंधित शोध पत्र प्रस्तुत किया गया एवं अन्य संकाय सदस्यों एवं ज्योतिष विद्वान दिल्ली से आये नितिन कस्यप एवं आशीष शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। अंत में अब तक ज्योतिष वास्तु हस्तरेखा के छात्र जिन्होंने परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है उन्हें प्रमाण पत्र डिग्री देखकर सम्मानित किया गया। साथ ही मोहन लाल शर्मा को ज्योतिष के क्षेत्र में 24 वर्षों से कई शोध एवं ज्योतिष पत्रिकाओं में लेख लिखने पर ज्योतिष वरहदाचर्य से सम्मानित किया गया। गौरतलब है कि वे इससे पहले भी ज्योतिष कलामणी से सम्मानित किए जा चुके हैं।