अलवर/बहरोड़- कहते हैं कि कानून के हाथ बेहद लंबे होते हैं. एक न एक दिन अपराधी की गर्दन तक पहुंच ही जाते हैं. पपला गुर्जर 16 माह 23 दिन बाद आखिर पुलिस के हत्थे चढ़ गया लेकिन अपराध की दुनिया से निकल कर अपनी प्रेमिका के साथ नई जिंदगी जीना चाहता था लेकिन पपला की वह चाहत अधूरी रह गयी. पपला ही नहीं, उसकी महिला मित्र भी आज सलाखों के पीछे है.
6 सितंबर 2019 को बहरोड़ थाने पर पपला के बदमाश फायरिंग कर पपला को छुड़ा ले भागे थे.लगभग 17 माह तक पपला पुलिस की गिरफ्त से बाहर रहा. राजस्थान पुलिस ने पपला की गिरफ्तारी के लिए कई राज्यों में दबिश दी.
आखिर पपला के महाराष्ट्र के कोल्हापुर में उसकी महिला मित्र के घर होने की खबर मिलते ही राजस्थान पुलिस के करीब दो दर्जन कमांडो और पुलिस के जवानों ने पपला को दबोच लिया. पुलिस वहां से पपला को और उसकी महिला मित्र जिया को गिरफ्तार कर अलवर ले आयी, जहां न्यायालय में पेश किया गया. पपला को 13 दिन और जिया को 7 दिन के पुलिस रिमांड मिला है.
पपला ने प्रेमिका को छोडने के लिए की गुज़ारिश
पुलिस ने पपला और जिया को आमने-सामने बैठा कर पूछताछ की. इस दौरान पपला और जिया दोनो की आंखों में आंसू थे. यह शायद मिलने से पहले जुदाई का गम था. इस दौरान पपला ने पुलिस को जिया को छोड़ने की गुजारिश की. पपला ने कहा कि जिया का कोई कसूर नहीं है, इसे छोड़ दो.