“श्री रामायण सर्किट यात्रा” भारतीय रेल द्वारा
श्री रामायण यात्रा
7500 किलोमीटर का सफर कुल 17 दिनों में तय करेगी और भगवान राम से जुड़े सभी प्रमुख स्थानों का दर्शन कराएगी।
अयोध्या पहला पड़ाव: अयोध्या में पर्यटक निर्माणाधीन श्री राम जन्मभूमि मंदिर, हनुमान मंदिर और नंदीग्राम के भरत मंदिर का दर्शन करेंगे।दूसरा पड़ाव बिहार: अगले पढ़ाव में ट्रेन बिहार में माता सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी तक जाएगी।
नेपाल होगा तीसरा पढ़ाव: बिहार से ट्रेन नेपाल के जनकपुर में राम-जानकी मंदिर का दर्शन कराते हुए वाराणसी के लिए रवाना होगी।
चौथा पड़ाव काशी: काशी में यात्री सड़क मार्ग से काशी विश्वनाथ मंदिर, सीता समाहित स्थल, प्रयाग, चित्रकूट, श्रृंगवेरपुर के दर्शन करेंगे। काशी प्रयाग व चित्रकूट में रात्रि विश्राम होगा।
पांचवा पड़ाव नासिक: चित्रकूट से ट्रेन चलकर नासिक पहुंचेगी, जहां पंचवटी और त्रयंबकेश्वर मंदिर का भ्रमण किया जा सकेगा।छठा पड़ाव: प्राचीन किष्किंधा नगरी हंपी इस ट्रेन का अगला पड़ाव होगा, जहां अंजनी पर्वत स्थित श्री हनुमान जन्म स्थल और अन्य महत्वपूर्ण मंदिरों का दर्शन कराया जाएगा।
अंतिम पड़ाव रामेश्वरम: इस ट्रेन का अंतिम पड़ाव रामेश्वरम होगा जहां पर्यटक प्राचीन शिव मंदिर और धनुषकोडी के दर्शन कर सकेंगे। रामेश्वरम से ये ट्रेन वापस दिल्ली के लिए रवाना होगी।
अधिक जानकारी के लिए 8287930202, 8287930299 और 8287930157 मोबाइल नंबरों पर संपर्क भी किया जा सकता है।
इन सुविधाओं से लैस होगी ट्रेन
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस पूर्णतया वातानुकूलित ट्रेन में यात्री कोच के अतिरिक्त दो डाइनिंग रेस्तरां, एक आधुनिक किचन, फुट मसाजर मशीन, मिनी लाइब्रेरी, सेंसर-आधारित शौचालय और शॉवर क्यूबिकल आदि की सुविधा उपलब्ध होगी। सुरक्षा के लिए सुरक्षा गार्ड, इलेक्ट्रॉनिक लॉकर और सीसीटीवी कैमरे उपलब्ध रहेंगे।कोविड-19 प्रोटोकॉल का किया जाएगा पालन
रेलवे द्वारा सभी पर्यटकों को फेस मास्क, हैंड ग्लव्स और सैनिटाइज़र रखने के लिए एक सुरक्षा किट प्रदान की जाएगी। सभी पर्यटकों और कर्मचारियों का तापमान जांचा जाएगा एवं हॉल्ट स्टेशनों पर बार-बार ट्रेन को सेनिटाइज किया जाएगा। प्रत्येक भोजन सेवा के बाद रसोई और रेस्तरां को साफ व सेनिटाइज किया जाएगा।