देहरादून। शुक्रवार सुबह एक ओर चौकाने वाली खबर सामने आई जो थी क्रिकेट ऋषभ पंत से जुड़ी हुई। भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत की कार रुड़की के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हालांकि ऋषभ पंत की स्थिति फिलहाल गंभीर बताई जा रही है। पंत कार से अपने घर जा रहे थे, हादसे के समय वे अकेले थे। रुड़की के नारसन बॉर्डर पर हम्मदपुर झाल के पास उनकी मर्सीडीज कार अनियंत्रित होकर रेलिंग से टकरा गई। इसके बाद कार में आग लग गई और पलट गई। इस हादसे मेंव पंत को गंभीर चोटें भी आई है। वहीं पंत की एक्सीडेंट के बाद सोशल मीडिया पर फैंस और क्रिकेटर्स ने उनके जल्द ठीक होने की कामना की है।
तेज रफ्तार कार 200 मीटर दूर जा कर रुकी
जानकारी के अनुसार ऋषभ पंत की कार तेज रफ्तार में थी। सबसे पहले डिवाइडर के किनारे लगी और इसके बाद लोहे की मजबूत बैरिकेडिंग से टकरा गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि डिवाइडर से टकराने के बाद गाड़ी रेलिंग तोड़कर दूसरी तरफ जा पहुंची। कार सड़क पर घसीटते हुए करीब 200 मीटर की दूरी पर जाकर थमी, जिसके बाद उसमें आग लग गई। घटना सुबह 5:30 बजे की बताई जा रही है।
मदद की जगह बनाए वीडियो
हादसे की जगह पहुंचे राहगीरों ने किसी तरह कार के शीशे तोड़कर ऋषभ पंत को बाहर निकाला। जिसके बाद सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें नारसन से रुड़की की ओर करीब आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित सक्षम हॉस्पिटल में पहुंचाया गया। आपको बता दें कि ऋषभ पंत जिस मर्सिडीज कार से अपने घर लौट रहे थे, उसका नंबर डीएल 10 सीएन 1717 है। हादसे के बाद पंत की कार से पैसे भी गिर गए थे, जिन्हें स्थानीय लोगों ने उठा लिया। हादसे के समय कार में करीब तीन से चार लाख रुपये थे। घटना के बाद सारे रुपये सड़क पर बिखरे पड़े थे। वे वहां तड़पते रहे लेकिन इस दौरान कुछ लोग ऋषभ की मदद करने के बजाय नोट अपनी जेबों में भरने और वीडियो बनाने में मशगूल हो गए।
दो युवकों ने कराया अस्पताल में भर्ती
इस दौरान दो युवक इस दौरान पंत के लिए मसीहा बनकर सामने आए। रुड़की के सक्षम अस्पताल में जब ऋषभ पंत को भर्ती कराया गया तो इस दौरान दो युवक भी थे। बताया जा रहा है कि कि इनमें से एक युवक पुरकाजी के समीप शकरपुर गांव का रहने वाला है। वह घटनास्थल से कुछ किलोमीटर दूर आगे लिब्बरहेरी में स्थित उत्तम शुगर मिल में नौकरी करता है। सुबह के समय वह अपनी ड्यूटी पर जा रहा था। इसी दौरान उसने दुर्घटना में घायल हुए ऋषभ पंत को पहचान लिया। डॉ. सुशील नागर ने बताया कि अस्पताल में जब ऋषभ को लाया गया तो दो युवक भी थे। उन्होंने सही समय पर ऋषभ को अस्पताल पहुंचा दिया।
पीठ पर गहरे जख्म, पैर में गंभीर चोट
ऋषभ को एक्सीडेंट के तुरंत बाद रुड़की के एक हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। इसके बाद उन्हें देहरादून के लिए रेफर कर दिया गया। पंत की हालत सुधरने के बाद उन्हें देहरादून के मैक्स अस्पताल ले जाया गया। यहां उनकी प्लास्टिक सर्जरी भी होगी। सक्षम हॉस्पिटल के डॉक्टर सुशील नागर ने बताया कि ऋषभ पंत के पैर में फ्रैक्चर आया है और माथे पर भी चोट है। माथे पर कुछ टांके लगाए गए हैं। इस हादसे में पंत के दाहिने पैर का लिगमेंट टूट गया है। देहरादून के हॉस्पिटल में उनकी फुल बॉडी एमआरआई की जाएगी। फिलहाल पंत की हालत फिलहाल स्थिर है।
नींद की झपकी आना बना कारण
हादसे के बाद ऋषभ पंत ने बताया कि कार को वह खुद ही चला रहे थे। ड्राइविंग के दौरान उन्हें झपकी आ गई थी। यही कारण है कि कार डिवाइडर से टकरा गई और यह बड़ा हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद वह विंड स्क्रीन तोड़कर बाहर निकले।
उत्तराखंड के डीजी अशोक कुमार ने बताया- पंत को गाड़ी चलाते वक्त झपकी आ गई थी। इसके बाद वह कार पर से नियंत्रण खो बैठे थे। हादसे के वक्त पंत कार में अकेले थे। एक्सीडेंट के बाद पंत को गाड़ी की खिड़की तोड़ बाहर निकाला गया था। पंत को सिर, पीठ और पैर में चोटें आई हैं। उनकी हालत स्थिर बनी हुई है।
गौरतलब है कि ऋषभ पंत के एक्सीडेंट के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि, जरूरत पड़ी तो ऋषभ पंत को एयरलिफ्ट किया जाएगा। ऋषभ के इलाज का खर्च राज्य सरकार उठाएगी और पंत के लिए हॉस्पिटल से जुड़ी हर जरूरी सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।