जयपुर। टीम चेतन धुंधरिया द्वारा सवाई मानसिंह चिकित्सालय में क्षय रोगियों को पोषण आहार किट वितरित किए गए। क्षय रोग के मरीजों को रोग से संबंधित जानकारी व उपचार की जानकारी दी गई। टीम चेतन धुंधारिया द्वारा क्षय रोगियों को पोषक आहार किट नियमित अंतराल से वितरित किये जाते रहे हैं। डॉ. सुधीर शर्मा जिला क्षय रोग अधिकारी जयपुर ने बताया कि सक्रिय टीबी की बात की जाए तो इस अवस्था में टीबी का जीवाणु शरीर में सक्रिय अवस्था में रहता है। सक्रिय टीबी का मरीज दूसरे स्वस्थ व्यक्तियों को भी संक्रमित कर सकता है। इसके लिए सक्रिय टीबी के मरीजों को चाहिए कि अपने मुंह पर मास्क या कपड़ा लगाकर बात करें और मुंह पर हाथ रखकर खांसना और छींकना चाहिए।
टीम चेतन धुंधारिया के संस्थापक चेतन कुमावत ने कहा कि क्षय रोग की तेजी से पैर पसारने की मुख्य वजह गरीबी व जागरूकता की कमी है। गरीबी की वजह से क्षय रोगी पोषक तत्वों से युक्त भोजन नहीं कर पाते हैं, इससे उनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती हैं, इसके अलावा नशे का आदी हो जाने के कारण भी प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है और क्षय रोग के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में क्षय रोग के मरीजों को पोषक तत्वों के सेवन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्यक्रम को भविष्य में भी निरंतर करते रहेंगे। टीम चेतन धुंधारिया के प्रवक्ता जयसिंह कुमावत ने कहा कि क्षय रोगियों को पौष्टिक आहार व गोद लेने की पहल टीम चेतन धुंधारिया की गई है। गोद लिए मरीजों को नियमित अंतराल से पोषण युक्त आहार उपलब्ध कराते रहेगें। जिससे इनके अंदर संक्रमण से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता बढ़े। इस रोग में अधिकांशतः भूख समाप्त हो जाती है, अतः उन्हें हर 2 घंटे के अंतराल पर खाद्य पदार्थों का सेवन करते रहना चाहिए। क्षय रोगियों को घर का बना पौष्टिक आहार जैसे पनीर ,अंडा ,मिश्रित दलिया, दालें, मूंगफली की बर्फी, लड्डू, बेसन के लड्डू, चिक्की, केला आंवला, पपीता, सहजन, आम, हरी व मौसमी सब्जियों का सेवन अधिक से अधिक मात्रा में करना चाहिए। जिस तरह कोविड-19 के विरूद्ध पूरे देश ने जिस एकजुटता परिचय दिया था इसी तरह 2025 तक देश को क्षय रोग मुक्त करने के लिए देना होगा।
इस अवसर पर डॉ. रविंद्र खत्री, डॉ. नरेश कुमार, जयसिंह कुमावत, संदीप कुमावत, नीतू गैदर, मीना कुमावत, राकेश सोनी, उषा कुमावत, मेघना कुमावत, कुनाल नावरिया व राहुल शर्मा मौजूद रहे।